ई दिल्ली: पत्रकारिता की दुनिया को छोड़ राजनीति में आए आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष
ने भले ही पार्टी को अलविदा कह दिया हो, मगर अरविंद केजरीवाल उनके इस्तीफे
को मानने को तैयार नहीं हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के
मुखिया अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर आशुतोष के इस्तीफे को मंजूर करने से
साफ इनकार कर दिया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आशुतोष के ट्वीट पर
रिट्वीट कर कहा कि वह आशुतोष के इस्तीफे को मंजूर नहीं करेंगे. गौरतलब है
कि आशुतोष ने आज इस्तीफा देकर कहा था कि वह निजी वजहों से पार्टी से अलग हो
रहे हैं.
इससे पहले आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया, ''ज़िंदगी
में एक अच्छे दोस्त, एक सच्चे इन्सान, एक भरोसेमन्द साथी के रूप में आशुतोष
जी से मेरा रिश्ता जीवन पर्यन्त रहेगा, उनका पार्टी से अलग होना मेरे लिये
एक हृदय विदारक घटना से कम नहीं.''गौरतलब है कि इस्तीफा देने के बाद आशुतोष ने कहा कि हर यात्रा का एक अंत होता है.
AAP के साथ मेरा जुड़ाव जो बहुत ही अच्छा/क्रांतिकारी था उसका भी अंत हुआ
है. मैंने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है और PAC से इसे मंज़ूर करने कोहालांकि
इसमें उन्हें भाजपा के डा. हर्षवर्धन के सामने हार का सामना करना पड़ा था.
वह इस साल जनवरी में दिल्ली की राज्यसभा की तीन सीटों के लिये तय किये गये
उम्मीदवारों की सूची में शामिल नहीं किये जाने के बाद से असंतुष्ट चल रहे
थे. उन्होंने उम्मीदवारों के रूप में दो कारोबारियों को चुने जाने पर पीएसी
की बैठक में भी असहमति व्यक्त की थी. कहा
है. ये पूरी तरह से निजी कारणों से है. पार्टी का शुक्रिया और मेरा साथ
देने वालों का भी शुक्रिया. आगे आशुतोष ने मीडिया से कहा कि कृपया मेरी
निजता का सम्मान करें. मैं किसी तरह से कोई बाइट नहीं दूंगा.
ऐसी खबरें हैं कि इस साल आम आदमी पार्टी की ओर से राज्यसभा न भेजे जाने की
वजह से वह नाराज चल रहे थे. खबर है कि कि आशुतोष राजनीति से भी सन्यास ले
सकते हैं. आशुतोष दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के काफी करीबी
माने जाते रहे हैं. बता दें कि आम आदमी पार्टी ने संजय सिंह, सुशील गुप्ता
और एनडी गुप्ता को राज्यसभा में भेजा था.
हालांकि, इससे पहले आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने भी सीएम
अरविंद केजरीवाल पर तंज कसा. कुमार विश्वास ने ट्वीट किया, 'हर
प्रतिभासम्पन्न साथी की षड्यंत्रपूर्वक निर्मम राजनैतिक हत्या के बाद एक
आत्ममुग्ध असुरक्षित बौने और उसके सत्ता-पालित, 2G धन लाभित चिंटुओं को एक
और “आत्मसमर्पित-क़ुरबानी” मुबारक हो! इतिहास शिशुपाल की गालियां गिन रहा
है. आज़ादी मुबारक.
गौरतलब है कि साल 2015 में दिल्ली में केजरीवाल सरकार के गठन के बाद आप से
अलग हुये प्रमुख नेताओं की फेहरिस्त में आशुतोष, चौथा बड़ा नाम हैं. इससे
पहले आप के संस्थापक सदस्य योगेन्द्र यादव, प्रशांत भूषण और शाजिया इल्मी
पार्टी से नाता तोड़ चुके हैं. इसके अलावा प्रो. आनंद कुमार, पूर्व विधायक
विनोद बिन्नी और पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा भी पार्टी से दूरी बना चुके
हैं.
पिछले कुछ समय से पार्टी की गतिविधियों से अलग चल रहे कुमार विश्वास भी आप
नेतृत्व से नाराज बताए जाते हैं. वह आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की
कार्यशैली पर प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से समय समय पर सवाल उठाते रहे हैं.
पूर्व पत्रकार आशुतोष ने साल 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को मिली
कामयाबी के फलस्वरूप केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद साल 2014
में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. इसके बाद हुये लोकसभा चुनाव में वह आप
के टिकट पर दिल्ली की चांदनी चौक सीट से चुनाव लड़े थे.
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